Item type | Current library | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | NFLIC-FRI Library | Fiction | H 891.43 KOH/A (Browse shelf(Opens below)) | Available | 46921 |
H 891.43 KOH/A अवसर | H 891.43 RAV/P पट्टमहादेवी शांतला | H 891.43 RAV/P पट्टमहादेवी शांतला | H 891.43 RAV/P पट्टमहादेवी शांतला |
रामकथा पर आधारित 'अवसर' नरेन्द्र कोहली का प्रसिद्ध उपन्यास है जो सन १९७६ में प्रकाशित हुआ।
सन् १९७५ में उनके रामकथा पर आधारित उपन्यास 'दीक्षा' के प्रकाशन से हिंदी साहित्य में 'सांस्कृतिक पुनरुत्थान का युग' प्रारंभ हुआ जिसे हिन्दी साहित्य में 'नरेन्द्र कोहली युग' का नाम देने का प्रस्ताव भी जोर पकड़ता जा रहा है। "अवसर" इसी उपन्यास-श्रंखला की दूसरी कडी है।
तात्कालिक अन्धकार, निराशा, भ्रष्टाचार एवं मूल्यहीनता के युग में नरेन्द्र कोहली ने ऐसा कालजयी पात्र चुना जो भारतीय मनीषा के रोम-रोम में स्पंदित था। युगों युगों के अन्धकार को चीरकर उन्होंने भगवान राम को भक्तिकाल की भावुकता से निकाल कर आधुनिक यथार्थ की जमीन पर खड़ा कर दिया.
पाठक वर्ग चमत्कृत ही नहीं, अभिभूत हो गया! किस प्रकार एक उपेक्षित और निर्वासित राजकुमार अपने आत्मबल से शोषित, पीड़ित एवं त्रस्त जनता में नए प्राण फूँक देता है, 'अभ्युदय' में यह देखना किसी चमत्कार से कम नहीं था। युग-युगांतर से रूढ़ हो चुकी रामकथा जब आधुनिक पाठक के रुचि-संस्कार के अनुसार बिलकुल नए कलेवर में ढलकर जब सामने आयी, तो यह देखकर मन रीझे बिना नहीं रहता कि उसमें रामकथा की गरिमा एवं रामायण के जीवन-मूल्यों का लेखक ने सम्यक् निर्वाह किया है।
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